एसडीएम ने कहा संज्ञान में है मामला,होगी कार्रवाई
सिराथू,कौशाम्बी। न्यायालय एवं शासन का स्पष्ट निर्देश है कि गांव सभा के सार्वजनिक तालाबों एवं जलाशयों का स्वरूप बदलने नहीं दिया जाय तथा उसका संरक्षण किया जाय। बावजूद इसके सिराथू तहसील क्षेत्र के शमसाबाद, मलाक पिंजरी, मलाक सद्दी, मधवामई, बारातफारीक, सहित तमाम गांवों में दबंगों ने, न सिर्फ तालाबों की नवैय्यत बदलकर स्वरूप बदल दिया, बल्कि अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण भी कर लिया है। शिकायतों के बावजूद स्थानीय राजस्व एवं पुलिस महकमा कार्रवाई नहीं कर पा रहा है, जिससे दबंग तालाबों का वजूद ही मिटाने में जुटे हैं। इस मामले में स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ चिह्नीकरण तक ही सीमित है। अवैध अतिक्रमण हटवाएं एवं तालाब को दबंगों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए ग्रामीणों ने दर्जनों बार उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र दिया, लेकिन उच्चाधिकारियों के निदेर्शों के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। यही हाल कैमा, रामपुर धमावा, बसोहनी, कोर्रो आदि गांवों के सड़क के किनारे स्थित तालाबों एवं जलाशयों का है, जिसकी नवय्यत बदलकर दबंगों ने अवैध निर्माण कर राजस्व कर्मियों की ही मिलीभगत से कब्जा कर लिया है। दबंगों के विरुद्ध की जाने वाली शिकायतें रद्दी की टोकरी में डाल दी जाती है। इस संबध में एसडीएम सिराथू का कहना हैं कि तालाबों पर अवैध कब्जे के मामले उनके संज्ञान में हैं। अवैध कब्जेदारों का चिह्नीकरण कराया जा चुका है। शीघ्र ही अभियान चलाकर तालाबों एवं जलाशयों को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा।