कौशाम्बी। स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जनपद में 9 आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सालय खोले गए हैं। अस्पताल में तैनात डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रहे हैं। इससे जिले के लोगों को आयुर्वेदिक इलाज का लाभ नहीं मिल रहा है। आला हाकिमों के निर्देश के बावजूद अस्पतालों में तैनात डाक्टर व कर्मी अपनी आदत में सुधार नहीं ला रहे हैं। गौरतलब हो कि जनपद के भेलखा, पश्चिमशरीरा, तिल्हापुर मोड़, कड़ा, कौशाम्बी में आयुर्वेद अस्पताल व सेवढ़ा, चायल, करारी व पइंसा में यूनानी अस्पताल खोले गये हैं। जिला मुख्यालय से मात्र चार किमी दूरी पर स्थित भेलखा गांव में 25 बेड का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोला गया है। उक्त चिकित्सालय में दो डाक्टर, दो फार्मासिस्ट,एक नर्स,दो वार्ड ब्वाय,दो स्वच्छिका व एक चैकीदार तैनात किए गये हैं। वेतन के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये ये स्वास्थ्य कर्मी ले रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में तैनात डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी नियमित रूप से अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। इसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कभी-कभार नर्स आकर जड़ी-बूटी मरीजों में बांटती हैं। डाक्टरों द्वारा मरीज का परीक्षण न करने से उस जड़ी-बूटी का असर मर्ज पर नहीं पड़ता है। यदि डाक्टर मरीज की जांच करके दवा दें तो लाभ होगा। इसी प्रकार आयुर्वेदिक अस्पताल पश्चिमशरीरा, कौशाम्बी, तिल्हापुर, कड़ा व यूनानी अस्पताल सेंवढ़ा, चायल, करारी व पइंसा में एक-एक डाक्टर, फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय व चैकीदार की नियुक्ति की गई है लेकिन तैनात डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सालय नहीं पहुंचते हैं। इससे आयुर्वेदिक चिकित्सा दम तोड़ती नजर आ रही है।

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