राजेंद्र प्रसाद मिश्रा
बारा तहसील से सटे हुए गाँव सेहुंडा में नवरात्रि पर्व पर माँ दुर्गा की भव्य मूर्ति स्थापित कर पुष्प मालाओं से विधिवत पूजन अर्चन किया गया। आज छठवें दिन भगवती दुर्गा कात्यायनी रूप में अति शोभायमान हो रही थीं। आचार्य महेश प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि शास्त्रों में माता षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री माना गया है। इन्हें ही मां कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि को होती है। इन्हीं को अन्य कई प्रान्तों में छठ मैया के नाम से भी जाना जाता है। कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में जन्म लेकर इन्होंने महिषासुर का वध किया था।विजयादशमी का पर्व माता कात्यायनी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता है जो कि श्रीराम के काल से पहले से ही प्रचलन में रहा था। प्रतिदिन प्रातः एवं सायंकाल माता भगवती दुर्गा की आरती श्यामबाबू विश्वकर्मा द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है और प्रसाद वितरण किया जाता है। प्रतिदिन सुबह शाम सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ माता के दरबार में हाजिरी लगाती है। मुख्य रूप से रामायण प्रसाद,विजय,रामभवन, त्रिभुवन, कृष्णमुरारी,राजेश विश्वकर्मा,संजय विश्वकर्मा सहित रामकैलाश लहरी,रामनरेश आदिवासी, रमई मास्टर,मोहनलाल यादव,राज वर्मा,धीरूभाई केसरवानी, रज्जन प्रधान, राजू कुशवाहा, विमल श्रीवास्तव, सुरेन्द्र सिंह आदि भक्त हाजिरी लगाते हैं।

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