सौ फीसद दरों के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग
ललितपुर। नगर पालिका परिषद की चौदह अक्टूबर को संपन्न हुयी बैठक के प्रस्ताव संख्या 1677 में लाई गई स्लेव वाइज अनावासिक दरों के प्रस्ताव को स्वतन्त्र रूप से लाकर स्वीकृत कराये जाने एवं वर्ष 2014-15 में प्रस्तावित दरों में 100 प्रतिशत दरों के प्रस्ताव को अविलम्ब निरस्त किये जाने की मांग को लेकर व्यापारियों ने एक ज्ञापन नपाध्यक्ष व ईओ को भेजा है।
ज्ञापन में बताया कि नगर पालिका परिषद द्वारा बोर्ड प्रस्ताव संख्या 1677/14 अक्टूबर 2022 में वर्ष 2014-15 में लागू की गयी दरों को 5 वर्ष के उपरान्त समस्त 26 वार्डो की दरों को रिवाइज करते हुए 100 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव नगर पालिका परिषद द्वारा लाया गया था। जिसे सम्मानित वोर्ड के सभी पार्षदों द्वारा बैठक में पुरजोर विरोध कर इसे स्थागित कर दिया गया और उपरोक्त प्रकरण को अगली बोर्ड बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया तथा साथ ही कर समिति को विचार के लिए प्रेषित कर दिया गया। पालिका परिषद द्वारा उपरोक्त प्रस्ताव के द्वारा दरों को दुगना किये जाने के साथ ही अनावासिक दरों को स्लेप वाइज निधारित करने को भी इसी बोर्ड प्रस्ताव के साथ सम्बद्ध करते हुए प्रस्तुत किया गया। पालिका परिषद ललितपुर द्वारा दरों को बढाने अथवा संसोधित करने का प्रस्ताव अलग लाना चाहिए था तथा अनावासिक दरों का प्रस्ताव अलग प्रस्ताव के द्वारा बोर्ड बैठक में लाना चाहिए था। पालिका द्वारा जान बूझ कर स्लेैब वाइज प्रस्ताव की दरों को बढाने के प्रस्ताव के साथ इसलिए सम्बद्ध किया गया कि जिससे वह पास न हो सकें और वैसा ही हुआ। नगर पालिका परिषद ललितपुर स्वकर निर्धारण समिति से अनुरोध है कि अनावासिक दरों के सम्बन्ध में जो प्रस्ताव लाया गया है उसे कर समिति की शीघ्र ही अगली बोर्ड बैठक बुलाकर इसे स्वीकृत किया जावे जिससे पिछले 10 वर्ष से की जा रही व्यापारियों एवं व्यापारिक संगठनों की मांग पूरी की जा सकें। और स्लेव वाइज जो दरे आप द्वारा प्रस्तावित की गयी है यह व्यापारी समाज को स्वीकार है और इसे स्वीकृत किया जावे। नगर पालिका परिषद ललितपुर के वर्तमान बोर्ड की पहली बैठक दिनंाक 29 दिसम्बर 2017 को सम्पन्न हुई थी। जिसमें बोर्ड प्रस्ताव संख्या 6 के द्वारा यह सुनिश्चित किया गया था कि स्वकर के निर्धारण हेतु जो सर्वे जोन्टिक प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी अलीगढ के द्वारा किया जा रहा है वह सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है। इसकी सार्वजनिक सूचना दैनिक समाचार पत्रों में 30 दिसम्बर 2017 को प्रकाशित की गयी थी जिसका अधि प्रमाणिकरण 29 दिसम्बर 2017 को उपरोक्त प्रस्ताव द्वारा नगर पालिका द्वारा किया गया था। तदनुसार पालिका अधिनियम की धारा 145 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार 01 जनवरी 2018 से स्वकर पालिका को लेने का अधिकार था न कि वर्ष 2015 से। नगर पालिका द्वारा विसगंतियां, समस्याओं का समाधान न किये जाने के कारण व्यापार मण्डल और व्यापारियों द्वारा तीन रिट याचिकायें माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दायर कर स्थगन आदेश प्राप्त किया गया था। उसके निर्णीत होने तक जबरन स्वकर वसूल ने अथवा दरों में संशोधित करने का विचार करना असवैधानिक है और माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा दिये गये निर्देशो के बिपरीत है। मा0 उच्च न्यायायल द्वारा टैक्स रिट याचिका संख्या 694/2021 का अवलोकन करे। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये आदेश का पालन करें। व्यापारियों ने नपाध्यक्ष व ईओ से 100 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के तुगलकी प्रस्ताव को निरस्त किये जाने की मांग उठाते हुये अनावासिक के सम्बन्ध में आप द्वारा जो स्लैबों का निर्धारण किया गया है। उसे अविलम्ब स्वीकृत कर नगर वासियों को राहत देने की मांग उठायी। इस दौरान प्रदेश चेयरमैन महेंद्र जैन मयूर, जिलाध्यक्ष प्रदीप त्रिपाठी, महेश सतभैया, नवीन सिंघई, पंकज बिरधा, लखन अग्रवाल, पवन कुमार, ज्ञानप्रकाश खण्डेलवाल, आनंद कुमार जैन, रामप्रकश साहू, अनिल कुमार जैन, अभय जैन, राजीव कुमार, हेमंत जैन, नईम, आलोक जैन मयूर पार्षद आदि मौजूद रहे।

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