कौशाम्बी। पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए अर्न्तराष्ट्रीय एंव राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार की योजनाये गोष्ठियां आयोजित कर जनता को जागरूक एवं पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए बकायदा एक मंत्रालय की स्थापना की गयी है। पर्यावरण को शुद्ध बनाये रखने के लिऐ हरे वृक्षो का योगदान पहले नम्बर पर आता है। इन हरे वृक्षो से न सिर्फ ताजी हवा मिलती है वही इनके उपयोगी होने से मनुष्य तमाम तरह की बीमारियों से लाभान्वित होते है,परन्तु बिड़म्बना यह है कि इन हरे फलदार वृक्षो की कटान बडे पैमाने पर लगातार कटान की जा रही है जिससे कि धीरे.धीरे वृक्ष गायब होते जा रहे है। जबकि पेड़ो की अवैध कटान रोक पाने मे जिम्मेदार प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उधर सरकार पेड़ लगाने के लिये किसानो को प्रोत्साहित कर रही है ग्राम सभाओ द्वारा वृक्षारोपड़ करने के लिए नि:शुल्क पेड़ दिये जा रहे है। जिसके लिए वन विभाग को जिम्मेदारी सौपी गयी है कि वह हरे पेड़ व वनो का संरक्षण तथा अवैध कटान को रोके परन्तु वही वन विभाग आंख बंद कर के वन माफियायो को खुली छूट दिये है जिससे धड़ाधड़ पेड काटे जा रहे है प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत करारी व आस.पास के क्षेत्रो मे वृक्षो के कटान अपने चरम सीमा पर है आज हालत यह है कि मंझनपुर वन क्षेंत्र माफियाओ का एक सुरक्षित स्थान बन चुका है,करारी, म्योहर, रक्सवारा, अगियौना, सरैय्या,अमुरा आदि गांव मे खुले आम हरे पेड़ काट.काटकर वनमाफिया क्षेत्र को वृक्ष विहीन कर रहे है। करारी मे संचालित अवैध आरा मशीन पर पेड़ो की चिराई होती है। गत माह के भीतर मंझनपुर वन क्षेत्र मे करीब पांच सौ हरे पेड काटे गये है। नगर पंचायत करारी का एक स्थानीय कर्मचारी जो कि वन माफियाओ का हितैसी है वही उच्च अधिकारीयो तक मामले की सेटिगं का कार्य करता है जिससे वन माफिया निश्चिंत होकर क्षेंत्र को वृक्ष विहीन बनानें के अभियान मे लगे हुए है।

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