राकेश केसरी
शंकर लाल अग्रहरि अपने बेटे की लाश मंगवाने के लिये कई नेताओं की चौखट पर माथा टेक रहाE पर किसी ने नहीं सुनी उसकी पुकार
कौशाम्बी ब्युरो। दमन द्वीप में प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम करने गए युवक की अचानक शुक्रवार को सोनू की तबियत खराब हो गई। चचेरे भाई ने अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन उसी अस्पताल में उसकी मौत ही गई। मौत की खबर जब परिजनों को लगी तो मानो उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। कमाने के नाम पर वही एक बेटा था। खेती न बारी न रोजगार के नाम पर कुछ भी नही बस था तो उनका बेटा सोनू जो इस दुनिया मे अब नही रहा।जनपद के नगरपंचायत दारानगर कड़ा धाम जहाँ शंकर लाल अग्रहरि अपने बेटे की लाश मंगवाने के लिये कई नेताओं की चौखट पर माथा टेक रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से कई नेताओं को ट्विटर, व्हाट्सप्प के माध्यम से गुहार लगाई लेकिन मजाल है कि किसी नेता ने एक फोन कर उसका हालचाल जानने की कोशिश की हो वहीं माइक पर दहाड़ मार-मारकर अपनी जाति के लोगों के लिये जीने मारने की कसम खाने वाले, परेशानी में मदद करने का भरोसा दिलाने वाले सब गायब है। भला हो उस उन ग्रामीणों को जिन्होंने उस गरीब के बेटे की लाश मंगवाने के लिये एम्बुलेंस के किराए के लिये चंदा लगाकर 50000 रुपए इकट्ठा किए हैं। मालूम हो दारानगर निवासी शंकर लाल अग्रहरि का पुत्र सोनू अग्रहरि 18 वर्षीय काम के सिलसिले में 6 माह पहले दमन द्वीप में काम करने गया था। लेकिन उसे क्या पता कि जहाँ वो दो रुपये कमाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने जा रहा है वहाँ उसकी मौत इंतजार कर रही है।