राकेश केसरी
कौशाम्बी। मंझनपुर के मड़ूकी गांव निवासी सुरेन्द्र कुमार शुक्ला के यहां रविवार से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। कथा के दूसरे दिन कथा का रसपान करने क्षेत्र से सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालू पहुंचे। वहीं कथा के दूसरे दिन कथा वाचक धनंजय दास महाराज ने श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के वाचन व श्रवण से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ती हो जाती है। संसार दु:खों का सागर है। प्रत्येक प्राणी किसी न किसी तरह से दुखी व परेशान है। कोई स्वास्थ्य से दुखी है, कोई परिवार, कोई धन, तो कोई संतान को लेकर परेशान है। सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए ईश्वर की आराधना ही एकमात्र मार्ग है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन का कुछ समय हरिभजन में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा वह अमृत है, जिसके पान से भय, भूख, रोग व संताप सब कुछ स्वत: ही नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को मन, बुद्धि, चित एकाग्र कर अपने आप को ईश्वर के चरणों में समर्पित करते हुए भागवत कथा को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि धुंधुकारी वायु रूप में होने के कारण एक सात गांठों वाले बांस के भीतर बैठकर कथा का श्रवण मनन किया। सात दिनों में एक-एक करके बांस की सातों गाठ फट गईं। धुंधुकारी भागवत के श्रवण मनन से सात दिनों में सात गांठ फोड़कर, पवित्र होकर, प्रेत योनि से मुक्त होकर भगवान के वैकुण्ठ धाम में चला गया। कथा के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। प्रसाद ग्रहण करने के बाद श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान पं० रवीन्द्रनाथ शुक्ल, रमेश चन्द्र शुक्ल, दिनेश चन्द्र शुक्ल,आदि मौजूद रहे।

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