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चुनाव आते ही पहनने लगे समाजसेवा का चोला

Thursday, November 3, 2022

/ by Today Warta



राकेश केसरी

 जन समर्थन जुटाने की मुहिम में जुटे मौसमी समाज सेवक

कौशाम्बी। नगर पंचायतों के चुनाव की आहट ने मौसमी समाजसेवियों की भी संख्या यकायक बढ़ा दी है। जो अब तक जनता को दिखाई नहीं देते थे अब वह समाजसेवा का चोला पहनकर उनके बीच समस्याओं की नब्ज टटोल रहे हैं। ऐसे हालातों में वह पैंठ बनाने के प्रयासों के साथ-साथ कागजी अगुवाई से समस्या निराकरण की पहल के चुनावी हथकण्डे भी अपनाने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि जनता बेवकूफ हो वह भी चुनावी समाजसेवा को भलीभांति समझ रही है। प्रदेश सरकार के द्वारा नगर पंचायतों व निकाय चुनावों को लेकर स्थिति स्पष्ट किये जाने के बाद नगर पंचायत क्षेत्रों में बहुत कुछ हालात बदल रहे हैं। भले ही जनता की समस्यायें न सुलझी हों पर अब समस्याओं को सुलझाने के दावे करने वाले कम नहीं हैं। पिछले वर्षो किसी ने मोहल्ले, गली या वार्ड की हालत पर तरस नहीं खाया लेकिन अब हर नगर, कस्बा में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गयी है जोकि सुबह और शाम बिजली, पानी, सड़क व मूलभूत अव्यवस्थाओं को खुद अपनी जुबां जनता के बीच उठाकर अपनी पीठ खुद थपथपा रहे हैं। जनता की समस्याओं के निराकरण का भले ही उनके पास कोई चारा न हो लेकिन बावजूद इसके शिकायती पत्रों व ज्ञापन के रुप में कागजी अगुवाई कर वह जनता के हितैषी बनने की हर जुगत में जुटे हैं। मुख्यालय हो या फिर अन्य नगर पंचायत क्षेत्र में नाली, खडजा, सड़क, हैण्डपंप जैसी समस्यायें हर जगह ही हैं। वैसे तो यह समस्यायें मौजूदा नहीं हैं लेकिन मौसमी समाजसेवियों को आम जनता की समस्यायें चुनाव आते ही दिख रहीं हैं। भले ही अचानक पनपे समाजसेवियों के पास इन समस्याओं के निराकरण का कोई भी मंत्र नहीं है लेकिन जनता के बीच पुराने जनप्रतिनिधियों की निन्दा और प्रशासन को समस्याओं से अवगत कराने से ही वह जन समर्थन जुटाने की मुहिम में लग गये हैं। इतना ही नहीं जन समस्याओं के जरिये वह अपनी दावेदारी को लेकर जनता की भी नब्ज टटोलने का भी हथकण्डा अपना रहे हैं। ताकि उन्हें पहले से ही यह अहसास हो जाये कि वह कितने पानी में हैं। 


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