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उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डेंगू का कहर जारी

Friday, November 4, 2022

/ by Today Warta



मरीज बढ़ने से अस्पतालों में दवा की किल्लत, मरीज परेशान

प्रयागराज। डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रयागराज के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और नगर आयुक्त को अदालत में तलब किया है। जबकि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रयागराज, जौनपुर और लखनऊ में डेंगू के मामले ज्यादा हैं। लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। एमडी मेडिसिन डॉ नीरज वर्मा ने बताया कि डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से व्यक्ति में तीन से पांच दिन के अंदर डेंगू बुखार के लक्षण सामने आते हैं। डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं। इसमें क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार, डेंगू हमरेंजिक बुखार डीएचएफ और डेयू शॉक सिंड्रोम डीएसएस है। साधारण डेंगू बुखार में मौत नहीं होती है। लेकिन बाकी दोनों डेंगू बुखार में समय से इलाज न होने पर जानलेवा है। जबकि लखनऊ मेडिकल कॉलेज में डेंटल कैंसर के प्रोफेसर डॉ हरिराम ने बताया कि मच्छरों के संक्रमण से बचने के लिए शरीर ढक कर रखें। सावधानी से बचना आसान है। पूर्व एमडी डॉ विनोद सिंह ने कहा कि बुखार को नजरंदाज न करें। ठंड लगने के साथ बुखार आने पर डाक्टर से सम्पर्क करें। लेकिन झोलाछाप डॉक्टरों से बचें। बालरोग विशेषज्ञ डॉ लाईक ने बताया कि छोटे बच्चों को डेंगू बुखार से कवर करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए छोटे बच्चों की निगरानी ज्यादा करें।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ विमलेंद्र शेखर ने बताया कि ओपीडी में आने वाले 70 फीसदी मरीज बुखार के होते हैं। सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजते हैं। अब तक 45 मरीज डेंगू के निकल चुके हैं। डेंगू बुखार से अमेठी में एक स्वास्थ्य कर्मी की मौत भी हो चुकी है। लेकिन मच्छरों को मारने के लिए एंटी लारवा के छिड़काव की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण गांव से लेकर शहर तक मच्छरों की भरमार है। इसके बाद सरकारी अस्पतालों में डेंगू बुखार से जुड़ी दवा भी नहीं है। इसके कारण मरीजों को बाहर से ग्लूकोज की बोतल तक खरीदकर लाना पड़ता है। डेंगू के मरीज आलोक त्रिपाठी ने बताया कि वे तीन दिन पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमेठी में भर्ती थे। अस्पताल में दवा नहीं है। अब वे बाहर किसी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। चूंकि प्लेटलेट 18 हजार पहुंच गई थी।

डेंगू बुखार में प्लेटलेट कम हो जाती है, जिससे मरीजों को जान बचाने के लिए खून चढ़वाना पड़ता है। इसीलिए प्लेटलेट की कालाबाजारी हो रही है। कालाबाजारी के आरोप में प्रयागराज पुलिस दो लोगों को जेल भेज चुकी है। प्लेटलेट को कबर करने के लिए पपीता, कीवी और मौसमी का जूस पीने से डेंगू वायरस कम होता है। बाजार में कीवी की कीमत आसमान छू रही है।सौ रुपए में दो कीवी बिक रही है। भाजपा नेता अमरेंद्र सिंह पिंटू ने कहा कि डेंगू बुखार से निपटने के लिए सरकार पूरी तरीके से जुटी है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर मुख्यमंत्री की पैनी नजर है।

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