राजेंद्र प्रसाद मिश्रा
बारा।तहसील बारा के निकटस्थ सहकारी समिति बारा का ताला अभी तक नहीं खुल सका है।बताया जाता है कि बिना किसी जानकारी के इस केन्द्र को लोहगरा शिफ्ट कर दिया गया है। अब किसान अपने धान को बेचने के लिए क्रय-केन्द्र का चक्कर लगा रहे हैं।किसानों को अपनी फसलों को बेचने में असुविधा न हो,इसलिए साधन सहकारी समितियों को भी क्रय-केन्द्र बनाया गया है।इसके लिए यूपीएसएस व यूपीपीसीयू विभाग को केंद्र बनाकर धान खरीद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।इसके तहत बारा क्षेत्रीय साधन सहकारी समिति को क्रय केंद्र बनाया गया।इन केंद्रों पर एक नवम्बर से धान की खरीद होनी थी,लेकिन नवम्बर बीत जाने के बाद भी केन्द्र खुल नहीं सका है।बारा साधन सहकारी समिति में कोई कर्मचारी नियुक्त नहीं है।जिससे किसानों को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। क्षेत्रीय किसानों ने बताया कि धान की फसल तैयार हो गई है लेकिन खरीदने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे किसानों के समक्ष कठिन समस्या है।क्रय केन्द्र पर जाने पर मालूम हुआ कि यह तो बन्द चल रहा है।क्रय केन्द्र बन्द होने से किसान बिचौलियों के हाथ में बेचने के लिए मजबूर हैं।बारा के किसानों में शिवप्रसाद शर्मा, सुमंत भार्गव,अनिल श्रीवास्तव, जमील अहमद,सुभाष द्विवेदी, रजनीकांत त्रिपाठी सहित सैकड़ों किसान इससे ज्यादा परेशान हैं।

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