कौशाम्बी। मंझनपुर क्षेत्र में सूदखोरों का मकडजाल फैला हुआ है। गरीब, मजदूर, छोटे तबके के लोग ही नहीं नौकरी पेशा लोग भी इनके चुंगल में फसे हैं। गरीबों को अपनी भूमि रखकर तो नौकरी पेशा लोगों को पास बुक गिरवी रखकर कर्जा दिया जाता है। इस मकडजाल में उलझकर कर कर्ज से उबर ही नहीं पा रहे हैं। वेतन मिलने वाले दिन यह सूदखोर बैंकों के बाहर से ही ब्याज वसूल लेते है। सूदखोर दुकानदारों से प्रतिदिन ब्याज वसूलने शाम को दुकान पर पहुंच जाते हैं। तीन से पांच तक रुपये सैकड़ा का ब्याज वसूला जाता है। इन सूदखोरों के शिकंजे में फंसा शिकार निकल नहीं पाता। कारण यह है कि हर महीने मूल वसूलने के बजाय ब्याज वसूलने पर ज्यादा जोर देते हैं। गरीब मजदूर वर्ग के साथ-साथ नौकरी पेशा लोग अचानक आई किसी विपत्ति के चलते अगर मजबूरन इनके चंगुल में फंस गए तो मजबूरी का फायदा उठाने में माहिर यह धंधेबाज अधिक ब्याज पर पैसा देते हैं। सूत्रों की मानें तो गरीब, मजदूर या किसान को कर्ज देने से पूर्व मकान व खेत अपने पास गिरवी रख लेते हैं। कहीं पैसा न मिलने की समस्या दिखती है तो इकरार नामा भी करा लिया जाता है। रकम न लौटा पाने की स्थिति में सूदखोर जमीन, मकान का अपने नाम बैनामा करा लेते हैं। किसान बच्चों की शादी या फसल के लिए सूदखोरों से कर्ज लेते हैं। अगर किसी महीने ब्याज नहीं दिया जाता तो अगले महीने से इस ब्याज पर ब्याज लगाकर वसूला जाता है। वैसे किसानों को बैंकों द्वारा भी ऋण मुहैया कराया जा रहा है मगर बैंकों के चक्कर काटने व लम्बी प्रक्रिया के चलते किसान सूदखारों के चुंगल में आ जाता है। सूदखोर अपनी मनमर्जी पर कर्ज देते और ब्याज वसूलते हैं। यह धंधा जोरदार तरीके से चल रहा है। इस पर पुलिस का कहना है कि अगर कोई आकर शिकायत करता है तो कार्यवाही की जाएगी।