राकेश केसरी
कौशाम्बी। जिला न्यायालय द्वारा गौ मांस तस्करी के मामले में बंद पति पत्नी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है। जिला शासकीय अधिवक्ता ने गंभीर अपराध होने का साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त करने की मांग किया था। न्यायाधीश द्वारा आरोपी गणों के प्रार्थना पत्र में शासकीय अधिवक्ता के तर्को देखते हुए दोनों के जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। जनपद सत्र न्यायाधीश की अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया,मुकदमा उपरोक्त के अनुसार गौ मांस तस्करी करने वाले पति-पत्नी नूर सैयदी और सदाकत अली को कोखराज थाना अध्यक्ष तेज बहादुर द्वारा 7 नवंबर को सुबह 10 बजे उनके घर पर दबिश देकर 50 किलो गौ मांस के साथ घर से गिरफ्तार किया गया था। मुकदमा उपरोक्त में पुलिस ने चालान कर दोनों पति-पत्नी को जेल भेज दिया। इसके बाद आरोपी गणों द्वारा जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता सोमेश्वर कुमार तिवारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए आरोपी गणों पर जुर्म साबित करते हुए कहा कि गौ मांस तस्करी एक गंभीर अपराध है,इसमें किसी को भी जमानत का अधिकार नहीं है। जबकि वादिनी द्वारा साक्ष्य के रूप में अस्पताल पर इलाज कराने का साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। वहीं पर वादिनी 3 माह के पहले बच्चे को जन्म देकर बीमार होने का हवाला दिया। वादिनी द्वारा अदालत से मांग की गई कि उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। इससे वह काफी परेशान हैं। पति पत्नी को पुलिस द्वारा गौ मांस तस्करी में झूठा फंसाया गया है। सत्र न्यायाधीश द्वारा वादिनी के तर्कों के साथ-साथ शासकीय अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के उपरांत रिपोर्ट में दर्ज आरोप एवं साक्ष्य के उपरांत गंभीर मामला बताकर पति-पत्नी की जमानत अर्जी खारिज कर दिया है।