राकेश केसरी
कौशांबी सरकार अनुदान में किसानों को बीज उपलब्ध कराती है लेकिन खेतों की बुवाई के पहले ही सरकारी समितियों और बीज गोदाम केंद्रों से बीज गायब हो गए हैं जिससे जिले में गेहूं की बुवाई बाधित है पूरे जिले के लाखों किसान गेहूं के बीज के लिए सरकारी समितियों और सरकारी केंद्रों में बीज पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं लेकिन गेहूं का बीज नहीं मिल रहा है जिले से गेहूं का बीज गायब हो जाने के बाद जिला कृषि अधिकारी और उप निदेशक कृषि अपनी डफली बजा कर मौज कर रहे हैं सूत्रों की माने तो गेहूं बीज की कालाबाजारी से कृषि अधिकारी मालामाल हो चुके हैं जिससे उन्हें किसानों की मुसीबत की चिंता नहीं है खुले बाजार में घटिया क्वालिटी के महंगे दामों में गेहूं के बीज मिल रहे है जिससे किसानों के खेत में उपज की पैदावार अच्छी नहीं होती अच्छी पैदावार ना होने से किसान बाजार के बीज लेकर खेत की बुवाई नहीं करना चाहते लेकिन पूरा अक्टूबर और नवंबर का महीना बीत चुका है लेकिन सहकारी समितियों और बीज गोदाम में गेहूं बीज किसानों को नहीं मिल पा रहा है पूरे वर्ष बीज वितरण की अधिकारी योजना बनाते हैं मीटिंग के नाम पर मौज मस्ती करने वाले अधिकारी बीज वितरण की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कर पाए जिससे किसानों के सामने मुसीबत का पहाड़ खड़ा है अधिकारी से लेकर बीज गोदाम और सहकारी समितियों के जिम्मेदार समय व्यतीत कर बीज वितरण की वाहवाही लूट लेना चाहते हैं समय रहते बीज वितरण की जांच हो गई तो कई लोगों पर कठोर कार्रवाई होना तय है जिले के लगभग सभी सरकारी समितियो और बीज केंद्र से गेंहूँ के बीज गायब हो चुकें है खेत बुआई के समय बीज ना होने से किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीदने के लिए विवश है अब किसानों को जिले के आला अधिकारी से उम्मीद है कि सरकारी समितियों व केंद्र में बीज उपलब्ध कराए सवाल उठता है कि बीज बुवाई के समय पर क्या किसानों को जिले के आला अधिकारी सब्सिडी के साथ गेहू के बीज उपलब्ध करा पायेगें या फिर कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के साथ छलावा कर बीज की कालाबाजारी करने वाले लोगों से सांठगांठ कर मालामाल होते रहेंगे