राकेश केसरी
कौशाम्बी। जिलें में जल निगम द्वारा पानी की टंकी बनाए जाने और पाइपलाइन बिछाए जाने का कार्य कराए जाने का की जिम्मेदारी सरकार ने दो बड़ी कंपनियों को दिया है,दोनों कंपनियों ने जिले में डेरा जमा लिया है,सरकार ने इस काम के लिए जेएमसी कंपनी और बाबा कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी है और दोनों कंपनियों के कार्यों के मॉनिटरिंग करने के लिए तीसरी कंपनी को भी जिले में भेज दिया है। यह तीसरी कम्पनी दोनों कंपनियों के द्वारा कराए गए कार्यो की गुणवत्ता पर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे साथ ही साथ दोनों कंपनियों के कार्यों की रिपोर्ट के लिए जिले के अफसरों को भी सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं,इन दोनों कंपनियों की पकड़ शासन सत्ता में होने के चलते इनके कार्यों पर उंगली उठाने वाले अधिकारियों को शासन के कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा है। पाइप लाइन दिखाए जाने में जेएमसी कंपनी द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है,जिससे आम जनमानस परेशान है,पाइप लाइन बिछाए जाने में गड्ढे खोदकर छोड़ दिए जाते हैं जिससे आम जनमानस और पशु गड्ढे में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। दोनों कार्यदायी संस्थानों के कार्यो की लगातार शिकायतें हो रही हैं,लेकिन उसके बाद भी जेएमसी कम्पनी और बाबा कंपनी के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है,मानक को दरकिनार कर कार्य शुरू हो चुके हैं। मामले को संज्ञान लेकर एक बड़े अफसर ने बाबा कंपनी और जेएमसी कंपनी के कार्यों से शासन को अवगत कराया जिस पर शासन ने जेएमसी कंपनी और बाबा कंपनी के कार्यों को गुणवत्तापूर्ण कराने के निर्देश देने के बजाय एक बड़े अफसर की नकेल कसना शुरू कर दी है। सूत्रों की माने तो बड़े अफसर से शासन ने सवाल कर दस बिंदुओं पर जवाब मांग लिया है,बड़े अफसर की नकेल कसते हुए शासन ने दस बिंदुओं पर जवाब देने को कहा है जिससे बड़े अफसर भी जेएमसी कम्पनी और बाबा कंपनी के मानक बिहीन कार्यों पर कार्रवाई कर शासन को अवगत कराने से पीछे हटने लगे हैं,अब सवाल उठता है कि जब अफसरों पर ही गलत तरीके से दबाव बनाया जाएगा तो जल निगम का कार्य पारदर्शी तरीके से कैसे होगा और मोदी सरकार की हर घर जल और हर घर नल की योजना कैसे गुणवत्तापूर्ण लागू हो पाएगी।

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