राकेश केशरी
कौशाम्बी।सरसवां ब्लाक के बगल में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय का भवन जर्जर हो गया है। कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से ग्रामीण शिकायत कर चुके हैं। जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर और अन्य कर्मी दहशत में रहते हैं। पशुओं के लिए दवा लेने आने वाले पशुपालक भवन के बाहर ही खड़े रहते हैं। भवन कभी भी गिर कर ध्वस्त हो सकता है। दरवाजा व खिड़की पूरी तरह सड़ चुके हैं और अस्पताल के चारो तरफ चारदीवारी नही है दिनभर आवारा जानवर घूमते रहते हैं। छत से टूट कर गिर रहे प्लास्टर के अस्पताल में चलते कर्मचारियों को अभिलेख से लेकर दवाओं के रखरखाव तथा खुद को बचाना मुश्किल हो गया है। भवन के निर्माण या मरम्मत के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इस भवन में सामान सुरक्षित रखना चुनौती से कम नहीं है। अस्पताल का निर्माण लगभग 30 वर्ष पहले किया गया था। डॉक्टर के बैठने वाले कमरे की छत का प्लास्टर कई बार टूट कर गिर चुका है। यहां पर तैनात एक डॉक्टर, एक फार्मेसिस्ट और तीन पैराविट कर्मचारी कार्य करते हैं। यहाँ पर तैनात डॉ0 अजीत सिंह ने बताया कि भवन की हालत इतनी जर्जर है कि उस में बैठने से डर लगता है। अस्पताल की छत का प्लास्टर अक्सर गिरता रहता है, जिससे सभी कर्मी दहशत में रहते हैं। कर्मचारियों के लिए बने आवास पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में लिखित व मौखिक सूचना दी गई, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इससे कर्मचारी सांसत में है। अस्पताल में रोजाना 80-90जानवरों का इलाज होता है, उनके साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पशु चिकित्साधिकारी सरसवां डॉ0 अजीत सिंह का कहना है कि कई बार उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया लेकिन आज तक कुछ नही हुआ। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ ए०के०सागर ने बताया कि इस अस्पताल का प्रस्ताव शासन के पास भेज दिया गया है,स्वीकृति मिलते की कार्य प्रारंभ होगा।

 
 
 
 
 
 
 
 
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