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जमीनों के सर्किल मूल्य बृद्धि के खिलाफ अधिवक्ताओं के समर्थन में आये पूर्व केन्द्रीय मंत्री

Saturday, January 7, 2023

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र

बोले, पिछड़े जनपद ललितपुर में जमीनों के मूल्य महानगरों से अधिक हो जायेंगे

प्रदेश की महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन भेजा

ललितपुर। जिलाधिकारी आलोक सिंह द्वारा सर्किल रेटों में की गयी बृद्धि में संशोधन कराने के लिए तहसील बार संघ, रजिस्ट्री लेखक व मुंशियों द्वारा लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। इस प्रदर्शन में शनिवार को पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने अनेकों कांग्रेसियों के साथ पुरानी तहसील पहुंच कर विरोध दर्ज कराया। मौके से प्रदेश की महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के जरिए भेजा गया। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि पूर्व प्रस्तावित मूल्यांकन सूची के अनुसार नई मूल्यांकन सूची के संबंध में अत्यधिक रेट वृद्धि कर दी गयी है। जिसको लेकर आमजनमानस में अत्यधिक रोष व्याप्त है। आगे बताते चलें कि रेट सूची में हद अन्दर ललितपुर में राजस्व अभिलेखों में कृषि भूमि दर्ज कागजात के बैनामें में पूर्व रेट सूची 2019 के अनुसार कृषि भूमि के रूप में किये जाते थे। एवं आवासीय बैनामा के रूप में विक्रय पत्र दर्ज किये जाते थे। इसी हिसाब से पूर्व में रेट सूची में कॉलम निर्धारित थे और प्रस्तावित रेट सूची में भी कृषि दरों को 10 से 15 प्रतिशत बढाया जाना प्रस्तावित था। जिसे वर्तमान सूची 2022-2023 में कृषि भूमि की दरें खत्म कर दी गयी है सिर्फ आवासीय दरें लागू कर दी गयी। यदि कोई व्यक्ति अन्दर हद ललितपुर में कृषि भूमि का बैनामा कराता है तो उसे आवासीय भूमि के रूप में करोड़ों रूपये की मालियत से बैनामा करना पड़ेगा। जिससे गरीब व मध्यम वर्ग को इतनी लागत पर बैनामा करना सक्षम नहीं होगा। आगे बताया कि प्रत्येक सिगमेन्ट रोड पर पूर्व रेट सूची 2019 अनुसार यदि कोई व्यक्ति आवासीय प्लाट क्रय करता है तो उसे सिग्मेन्ट पर निर्धारित अकृषक भूमि के हिसाब से जो मालियत आती थी उस पर स्टाम्प शुल्क अदा किया जाता था जिसे वर्तमान रेट सूची 2022-23 में यदि कोई व्यक्ति किसी भी सिगमेन्ट पर यदि आवासीय प्लाट क्रय करता है तो उसे 15 मीटर गहराई दुकान व्यवसायिक की दर से आ रही मालियत पर स्टाम्प शुल्क अदा करना पड़ेगा। बताया कि ललितपुर जिला बुन्देलखण्ड के अति पिछड़े जनपद में आता है और जहां कास्तकार अत्यधिक पिछड़े वर्ग में आते है। तथा जहां पर अधिकतर किसान लघु व सीमान्त की श्रेणी में आते है। जो कि अपनी 1-2-3 एकड भूमि में कृषि का कार्य करते हैं और परिवार का भरण पोषण न हा पाने के कारण अन्य शहरों व राज्यों मे पलायन के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। ये किसान बड़ी हुयी दरों के कारण विक्रय पत्र क्रय करने के लिये सक्षम नहीं है। ऐसी स्थिति में बड़ी हुयी दरों को वापिस लेना अति आवश्यक हो गया है। अगर इस संबंध में प्रशासन शीघ्र कोई निर्णय नहीं लेता तो कांग्रेस पार्टी गरीब किसानों और मजदूरों के हित में व्यापक आन्दोलन छेडने के लिये बाध्य होगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार व जिला प्रशासन की होगी। ज्ञापन देते समय पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, जिलाध्यक्ष बलवंत सिंह, पूर्व नगराध्यक्ष हरीबाबू शर्मा, राकेश रजक एड., अजय प्रताप सिंह तोमर, शशिकान्त दीक्षित एड., दीपक बाबा, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष अंकित यादव, रामनरेश दुबे, बहादुर अहिरवार एड., मो.उवेश खान, महेन्द्र पनारी के अलावा अधिवक्ताओं में शंकरलाल रजक, राकेश गौतम, चरनसिंह चौहान, समीर चौबे, महेन्द्र अग्निहोत्री, मुन्नालाल जैन, अजय चौरसिया, रामकुमार सिंह निरंजन, अमित श्रीवास्तव, गोविन्द बल्लभ मिश्रा, संतोष, राकेश राय, रजिस्ट्री लेखकों में रामस्वरूप, अनुज श्रीवास्तव, प्रीतम प्रकाश, लक्ष्मन रायकवार, देवेन्द्र श्रीवास्तव गुरू, स्टाम्प बैण्डर मुकेश कुमार, निशांक रैकवार, मुकेश राय, अभिषेक राय, समर सिंह, सुखदयाल, सुनील कुमार, नीरज राय, अमित कुमार, राजेश दुबे, रामगोपाल, गोविन्द राय, अवध नारायण, मुंशी जगजीवन, अनिकेत कुशवाहा, विनोद श्रीवास्तव, राधेलाल, निशांक, राजपाल सिंह, मकुन्दी आदि मौजूद रहे।

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