राकेश केशरी
कौशाम्बी। परवान चढ़ती ठंड के साथ दिनोदिन बढ़ती जा रही गलन व सुबह-शाम कोहरे का असर। दलहनी फसलों में शुमार मटर में असिता तो फलों के राजा आलू में ब्लाइंड झुलसा रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। दोनों ही फसलों के लिए संवेदनशील मौसम के इस दौर में किसानों ने यदि फसलों के प्रति जरा भी लापरवाही की तो उनकी फसलें रोगों की चपेट में आकर बर्बाद होकर उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकती हैं। कृषि विशेषज्ञ,कृषि वैज्ञानिक राम कुमार ने बताया कि अत्यधिक गलन व कोहरा आलू के साथ मटर के लिए भी नुकसानदेह होता है। मटर में असिता रोग होने की जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि इसमें पीली पड़ जाती है और पौधे सूख जाते हैं। इसी तरह आलू में झुलसा रोग लगने की जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि इसमें फसल की पत्तियां झुलस जाती हैं तथा फसल सूखने लगती है जिससे पैदावार प्रभावित हो जाता है। दोनों ही फसलों के बचाव के लिए मैंकोजेब दवा आधा किलो दो सौ लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति बीघे की दर से छिड़काव किये जाने की सलाह दी। उन्होनें बताया कि रोगों के लक्षण दिखाई पडने के अलावा सुरक्षात्मक रूप से पहले भी दवा का छिड़काव किया जा सकता है।

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