राकेश केशरी
बड्स एक्ट के तहत रुपए वापस पाने की उम्मीद लेकर पहुंचे पीड़ित
कौशाम्बी। कलेक्ट्रेट के एडीएम दफ्तर में चिटफंड कंपनी के ठगी का शिकार पीड़ित रुपए वापस पाने की उम्मीद में जुटे। करीब 2000 की संख्या में लोगों की भीड़ जुटते ही कलेक्ट्रेट में व्यवस्था चैपट हो गई। कर्मचारियों ने पीड़ित लोगों के फॉर्म जमा करने में हीला-हवाली की,तो ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बड्स एक्ट 2019 के तहत कानूनन चिटफंड कंपनियां यदि लोगों की जमा पूंजी लेकर भुगतान नहीं करती,तो पीड़ित के वैध दस्तावेज लेकर सरकार रुपए वापस कराए जाने की कार्यवाही करती है। एक्ट के बारे में लोगो को जानकारी होते ही चिटफंड कंपनी के फ्राड का शिकार हुए करीब 2000 हजार ग्रामीण महिला पुरुष और युवा कलेक्ट्रेट में एकत्रित हो गए। ग्रामीण पीड़ितों को उम्मीद है कि सरकार और अधिकारी उनके दस्तावेज लेकर उनकी गाढ़ी कमाई की डूब चुकी रकम वापस कराएगी। पीड़ित हेमराज लोधी और रामसजीवन ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि कलेक्ट्रेट में अफसर उनके कागज जमा कर रुपए वापस कराए जाने की प्रक्रिया कर रहे हैं,तो उन्हें उम्मीद जगी कि डूब चुके रुपए मिल जाएंगे। इसी उम्मीद में वह और अन्य लोग एकत्रित हो गए हैं, लेकिन अधिकारियों ने कागज जमा करने के कई काउंटर नहीं बनाए। एक काउंटर होने के कारण फार्म और दस्तावेज जमा करने के बड़ी मुश्किल हो रही है। एडीएम जयचंद्र पांडेय ने बताया कि बड्स एक्ट 2019 में प्राविधान है कि चिटफंड कंपनियों से फ्रॉड का शिकार लोगों के रुपए कंपनियों के मालिक से वसूल कर रुपए वापस कराया जाए, जिसके तहत सोमवार से प्रक्रिया शुरू हुई है। अचानक ज्यादा लोगों के एकत्रित होने से अव्यवस्था हुई है। व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी।