राकेश केशरी
निजी अस्पतालों में मरीजो के साथ होता है,इसी तरह का व्यवहार
कौशाम्बी। जनपद मुख्यालय मंझनपुर से एक भाई को अस्पताल से बहन का शव बाइक पर ले जाना पड़ा, क्योकि उसे मांगने पर भी शव वाहन नहीं दिया गया। भाई शव लेकर 5 किलोमीटर दूर थाने पहुंचा। यहां उसने बहन के सुसाइड करने की जानकारी और अस्पताल प्रबंधन की शिकायत की। लड़की इंटर में पढ़ती थी। फेल होने के डर से उसने गुरुवार शाम फांसी लगा ली थी। उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। छात्रा की प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजन ने शव वाहन मांगा तो अस्पताल ने उपलब्ध नहीं कराया। ऐसे में बाइक से शव ले गए। छात्रा की प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजन ने शव वाहन मांगा तो अस्पताल ने उपलब्ध नहीं कराया। ऐसे में बाइक से शव ले गए। मामला कोखराज थाने के अंबेडकर नगर मोहल्ले का है। मृतक का नाम निराशा (16) था। भाई कुलदीप ने बताया, बहन ने इंटर के पेपर दिए थे। पेपर अच्छे नहीं हुए थे इसलिए वह परेशान थी। कुछ दिन पहले ही रिजल्ट आने की खबर मिली, तो उसे फेल होने का डर सताने लगा। गुरुवार को वह हम लोगों के साथ घर में बैठी थी। कुछ देर बाद कमरे में चली गई। काफी देर तक बाहर नहीं आई, तो हम कमरे में गए। वहां देखा कि वह पंखे में फंदा डालकर लटकी हुई है। उसकी सांसें चल रही थीं। हम उसे तुरंत तेजमति अस्पताल ले गए। शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। वही अस्पताल के बाहर निकलते ही एक पुलिस की पिकेट भी खड़ी थी। उसने शव ले जाते हुए देखा। लेकिन कोई मदद नहीं की। भाई कुलदीप ने बताया कि अस्पताल में बहन का ठीक से इलाज नहीं किया। उसकी मौत के बाद लंबा बिल पकड़ा दिया। जब हम लोगों ने इतना पैसा देने से मना किया तो उन लोगों ने शव वाहन देने से मना कर दिया। हम लोगों ने आधे घंटे वेट भी किया फिर भी वो लोग नहीं माने। मामले में थाना प्रभारी रमेश पटेल ने बताया, कुलदीप नाम का युवक अपनी बहन के शव को थाने लेकर पहुंचा था। शव को कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। निजी अस्पताल से शव वाहन न उपलब्ध कराए जाने की बात परिजन ने बताई है। मामले में जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वही मामले में सीएमओ डॉ0 सुस्पेंद्र सिंह ने बताया,निजी अस्पताल तेजमति में मरीज की मौत के बाद शव वाहन मुहैया न कराए जाने का मामला सामने आया है। जांच एडिशनल सीएमओ स्तर के अफसर को सौंपी गई है। रिपोर्ट आने पर निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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