राकेश केशरी
कौशाम्बी। चायल उपजिलाधिकारी न्यायालय में विचाराधीन मुकदमे की पत्रावली गायब होने से वादकारी और अधिवक्ता के होश उड़ गए हैं। वादकारी ने मामले की शिकायत एसडीएम से करते हुए जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है। एसडीएम ने तहसीलदार को शिकायत की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। नगर पंचायत चरवा निवासी हीरालाल कुशवाहा ने बताया कि गांव स्थित आराजी संख्या 770 और 1344 के सहखातेदार का सम्पूर्ण हिस्से का उन्होंने बैनामा कराया था। जिसका नामांतरण के समय विभागीय गलती से विक्रेता का नाम निरस्त नहीं किया गया। जानकारी मिलने के बाद हीरालाल ने एसडीएम कोर्ट में धारा 38 के तहत वाद दाखिल किया। जिसमें रजिस्ट्रार कानूनगो और तहसीलदार की आख्या लगने के बाद डाक रजिस्टर में दर्ज होकर तीन सितम्बर को एसडीएम कोर्ट भेजी गई। वादकारी ने आरोप लगाया है कि एसडीएम कोर्ट में तैनात पेशकार धन दोहन के लालच में उसकी पत्रावली को गायब कर दिया है। पेशकार के पूछने पर वह पत्रावली खो जाने को कहता है। गुरुवार को वादकारी ने अपने अधिवक्ता के साथ मामले की शिकायत एसडीएम से करते हुए जांच कराकर पेशकार के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई। एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव ने तहसीलदार प्रकरण की गंभीरता से जांच करने के आदेश दिए हैं। कहा कि उत्तरदायित्व निर्धारित कर अविलंब सुस्पष्ट आख्या दे। एसडीएम के आदेश के बाद कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई है।

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