राकेश केशरी
कौशाम्बी। कोखराज के नौढ़िया गांव में वर्ष 2003 में दावत खाने आए एक युवक को पीट-पीट कर मार डाला गया था। इस मामले में गैर इरादतन हत्या का केस चला। मंगलवार को मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया। आरोप साबित होने पर आरोपित पिता-पुत्रों को सात-सात साल के कैद की सजा सुनाई गई। साथ ही 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया। करारी के हिसामपुर निवासी बहोरेलाल तीन अक्तूबर 2003 को अपने भाई जगदीश के साथ नौढ़िया गांव दावत खाने गया था। बहोरेलाल के फूफा खुद्दन के यहां दावत थी। दावत खाने के बाद जगदीश अपने फूफा की दुकान में बैठा था। इसी दौरान गांव का ही फूलचंद्र बीड़ी लेने पहुंचा। खुद्दन ने रुपये मांगे तो फूलचंद्र गाली-गलौज करने लगा। इसका जगदीश ने विरोध किया तो फूलचंद्र ने मारपीट शुरू कर दी। फूलचंद्र के शोर मचाने पर उसका भाई लल्लन व पिता मोतीलाल लाठी-डंडा लेकर आए। जगदीश को मारापीटा गया। शोर मचाने पर गांव के तमाम लोग इकट्ठा हुए तो आरोपित भाग निकले। घायल जगदीश को भरवारी के एक अस्पताल लाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। बहोरेलाल की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना की। आरोप पत्र न्यायालय पेश किया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम ने इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया। शासकीय अधिवक्ता ने गवाहों को परीक्षित कराया। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया गया। आरोप साबित होने पर अभियुक्त फूलचंद्र, लल्लन व मोतीलाल को सात साल के कैद की सजा सुनाई। साथ ही दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।