राजीव कुमार जैन रानू
प्रशासन के जरिए महामहिम राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
ललितपुर। अनुसूचित जाति-जनजाति से जमीन खरीदने के लिए जिलाधिकारी की अनुमति अब आवश्यक नहीं होगी। ऐसा आदेश मुख्यमंत्री द्वारा जारी किया गया है। इस आदेश का विरोध करते हुये शुक्रवार को कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुये प्रदेश की महामहिम राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में बताया कि तत्कालीन कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के हितों को ध्यान में रखते हुए और उन्हें भूमिहीन होने से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश जमीदारी सन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 कानून बताया था। इसके तहत एक सीमित रकबा (3.125 एकड़ से अधिक कृषि भूमि यदि अनुसूचित जाति/अनु. जनजाति वर्ग के लोग विक्रय करना चाहते है तो उन्हें जिलाधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। कांग्रेसियों ने जानकारी का हवाला देते हुये बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस द्वारा बनाये गये उक्त कानून को निष्क्रिय करने जा रही है। यह युग-युग से वंचित भारत के अनुसूचित जाति/जनजाति के अधिकारों पर कुठाराघात करने का वादन है जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश और केन्द्र की सरकारों द्वारा कुछ उद्योगपतियों को सम्पूर्ण भारत बेचने सामने की साजिश की जा रही है, उसका यह जीता जागता नमूना है। किस प्रकार श्री योगी जी और भी मादी जी की सरकारों द्वारा हम दो हमारे दो के तहत अपनी और निजी कम्पनियों को देश का कण-कण सौंपने का प्रयास किया जा रहा है उसका यह प्रमाण है। उत्तर प्रदेश जगीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 कानून के अनु जाति / जनजाति के लोगों को पट्टे के माध्यम से जमीन आदि को ग भूमिहीन अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को उपरोक्त जमीन का आवंटन समाज के ति सबको सामाजिक न्याय प्रदान करने हेतु भारतीय राष्ट्रीय शासनकाल में हुआ था। कांग्रेसियों ने राज्यपाल के जरिए बताया कि इस कानून से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को भोग पूरी तरीके से भूमिहीन हो जायेंगे और सरकार के दबाव में / सरकार के इशारे से अनुसूचित जाति / जनजाति के पास जो थोड़ी बहुत कृषि भूमि है यह भी आने-पौने दाम पर डरा-धमका कर हम दो हमारे दो को सौंप दिया जायेगा। इसके पूर्व जो उत्तर प्रदेश में सरकार थी उसने भी ऐसा ही अधिक मुख्य किया था, जिसका विराम उस समय भी कांग्रेस पार्टी ने सदन से सड़कों तक किया था। कांग्रेसियों ने राज्यपाल से इस फैसले को तत्काल रोके जाने की मांग उठायी है। ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष के अलावा बहादुर अहिरवार, राजकिशोर, महेन्द्र पनारी, श्याम सुन्दर सिरौठिया, डा.रामसिंह, पर्वतलाल अहिरवार, कुलदीप पाठक, नागेश कुमार, गोपी सहरिया के अलावा अनेकों कांग्रेसी मौजूद रहे।

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