इन्द्रपाल सिंह'प्रिइन्द्र
बाबा साहब की जयन्ती पर कवि सम्मेलन व मुशायरा संपन्न
ललितपुर। संविधान के निर्माता भारतरत्न डा.भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन के अवसर पर कौमी एकता प्रति साहित्यिक संस्था हिंदी उर्दू अदबी के बैनर तले रामप्रकाश शर्मा की निवास पर एक कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ हास्य कवि किशन सिंह बंजारा ने की एवं सफल संचालन संस्था के अध्यक्ष रामकृष्ण कुशवाहा एड. किशन ने किया। उन्होंने बाबा साहब को श्रद्धांजलि देते हुए शेर पड़े जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। हमारे संविधान जैसा दुनिया में संविधान नहीं है। तिरंगे जैसी किसी की आन बान और शान नहीं है। महिला शक्ति की ओर से सुमनलता शर्मा चांदनी ने भजनों का रंग बिखेरते हुए कहा यह सोचा नहीं दिल दुखाने से पहले कुछ खोना भी पड़ता है पाने से पहले। आगे बढाते हुए विक्की रत्नाकर ने गजल पेश करती हुई कहा कि अज्म में जिस का पुख्ता हो आफतो से लगता है आदमी वही जो अपनों से लड़ता है। एम.एल.भटनागर मामा ने खूबसूरत गीत पेश करते हुए कहा चले भी आओ मेरी आबरू रख लो अपना जान के तुमको बुला रहा हूं। सरवर हिंदुस्तानी ने मोहब्बत दोस्ती का पैगाम देते हुए कहा कि आओ हम दोस्त बन जाएं दुश्मनों को सबक बन जाएं। राधेश्याम ताम्रकार ने कौमी एकता की गीत पेश करते हुए कहा सबका मालिक एक है फिर क्यों बटा हुआ संसार सब पूछो तो सारी दुनिया अपना ही परिवार। रामस्वरूप नामदेव अनुरागी ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा आज जरूरत है अमन चैन की बाबा प्यार बरसाना है सबके दिलों में प्रेम तो भर दो जीवन ज्योति जलाना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही किशन सिंह बंजारा ने कहा नीता यदि बनना है तो नुक्सा बताते हैं तुमको भी लिखा ना हो लिखो हम दिखाते हैं। आज के इस कार्यक्रम में राम प्रकाश शर्मा को उनके 69 वें जन्मदिन पर फूलों का हार संस्था द्वारा पहना कर उन का मान बढ़ाया एवं दीर्घायु की कामना की। श्रोताओं में देव शरण उपाध्याय, राजाराम खटीक एड., मनीष कुशवाहा एड., राजेश मुखिया आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में राम प्रकाश शर्मा ने सभी कवियों शायरों का आभार जताया।