राकेश केशरी
कौशाम्बी। नगर की गलियों में धूल फांकने वाले घुरहू व कलुवा की निकल पड़ी है। बोझिल सी दिखने वाली जिंदगी में अचानक रौनक लौट आई है। आम दिनों में चैराहों में सिमटे रहने वाले इन लोगों को अचानक दौड़.भाग के लिए दिन छोटा पडने लगा है। अभी तक शाम ढलते ही घर लौट आने वाले घुरहू व कलुवा विधान सभा चुनाव के लिए आचार संहिता जारी होते ही अचानक व्यस्त हो गए हैं। नेता जी के खास होने के कारण नगर के सभी वार्डो की जिम्मेदारी इन्हीं के ऊपर आ गई है। इसलिए दिन भर प्रचार के बाद नेताजी के बंगले में बने अतिथिगृह में ही रुक जाते हैं और सुबह होते ही नाश्ता पानी करके फिर प्रचार के लिए निकल पड़ते हैं। प्रचार करने के लिए साधारण गाड़ी मिलने पर उन्होंने नेता जी को खरी.खरी सुना दी,तब नेता जी की तरफ से इन्हें लक्जरी गाड़ी उपलब्ध कराई गई। आखिर विशेष वर्ग से होने के कारण नेताजी इन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकते थे। अपनी खुद की जिंदगी का लोकेशन इन्हें भले ही न मालुम हो पर नगर क्षेत्र के मतदाताओं का लोकेशन वे नेता जी को बतां रहे हैं। इसके लिए उन्होंने नेता जी के सौजन्य से बाकायदा दो सिम वाला मोबाइल भी जेब में डाल रखा है,जिससे नेता जी से संपर्क करने में कोई व्यवधान न आए। ये अलग बात है कि इन मोबाइल सेटों से वे अपने परदेस में रह रहे रिश्तेदारों को फोन करके कभी फोन न करने की शिकायत दूर करते हैं। हालांकि इनके कहने में इनका परिवार भले ही न हो पर यह नेताजी को समूचे नगर के अधिकतर मतों को दिलाने का विश्वास दिला रहे हैं।