राकेश केशरी
आठ साल की उम्र तक प्राथमिक चरण में सीखने की सीमा
अभिभावकों की जेब ढीली कर रहे महंगे कॉपी-किताब
कौशाम्बी। शिक्षण सत्र 2023-24 में सभी स्कूलों में नई शिक्षा नीति लागू हो गई है। इसके तहत कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। अब नर्सरी के लिए तीन साल और कक्षा एक में प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र छह वर्ष पूरी होना जरूरी है। इसके अलावा विषय चयन की छूट भी मिलेगी। एक अप्रैल से नए शिक्षा सत्र के साथ प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू हुई है। पहले दिन तमाम अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए स्कूल पहुंचे। बेसिक व माध्यमिक के स्कूलों में प्राइमरी से लेकर जूनियर व सीनियर वर्ग की कक्षाओं में नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश लिए गए। नर्सरी में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र तीन तथा कक्षा एक के लिए छह साल की उम्र पर पूरी होने के नियम का अनुपालन किया जा रहा है। पहले पांच वर्ष की उम्र में ही कक्षा एक में प्रवेश दे दिया जाता था। बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति में बच्चों के लिए प्राथमिक चरण में सीखने के लिए आठ वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। इसमें पांच साल की उम्र तक स्कूलिंग यानि कि नर्सरी, प्ले ग्रुप और केजी की कक्षाएं शामिल हैं। वहीं, छह साल की उम्र में कक्षा एक और सात वर्ष की आयु में कक्षा दो में प्रवेश का प्रावधान किया गया है। वहीं, अगर कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, तो उसे आठ साल की उम्र में भी कक्षा दूसरी में पढ़ाया जा सकता है। वही महंगाई की मार का असर पढ़ाई के सामान पर भी पड़ने लगा है। कॉपी-किताब से लेकर यूनिफॉर्म तक के दामों में बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 20 से 40 फीसदी तक इजाफा हुआ है। मध्यम वर्गीय अभिभावक महंगाई से परेशान हैं। अभिभावकों की मानें तो उनकी साल भर की बचत और मार्च-अप्रैल की सैलरी तो बच्चों की कॉपी-किताब खरीदने व स्कूल की फीस भरने में ही खर्च हो जाती है।वही रबर, पेंसिल और शॉर्पनर के दाम में भी 10 से 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। स्टेशनरी व्यवसाय से जुड़े विपिन केसरवानी ने बताया कि रद्दी के दाम में हुई बढ़ोतरी के चलते पढ़ाई से जुड़े हर सामान के मूल्य आसमान छूने लगे हैं। इसका असर अभिभावकों पर पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के दौरान आॅनलाइन क्लास में अभिभावकों को किताब-कॉपियों पर कम खर्च करना पड़ा था। अब स्कूलों में आॅफलाइन कक्षाएं शुरू होने से किताब-कापियों के दामों में बढ़ोत्तरी का असर लोगों की जेब पर दिख रहा है। किताब, ड्रेस, जूता आदि की कीमत में भी 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है। स्कूली बैग की कीमत में 100 से 150 रुपये का इजाफा हुआ है। दुकानदारों के मुताबिक कॉपी-किताबों का जो सेट पहले औसतन तीन हजार रुपये में आता था, वह इस बार पांच हजार रुपये में है।

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