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सीमित संसाधनों से आग पर काबू पाना मुश्किल

Tuesday, April 4, 2023

/ by Today Warta



राकेश केशरी

कौशाम्बी। दोआबा में जब भी कोई अग्निकांड की घटना होती है तो अग्निशमन विभाग असहाय नजर आता है। सीमित संसाधनों से जूझ रहे विभाग के पास न तो पर्याप्त उपकरण है और न ही पर्याप्त स्टाफ। ऐसे में जबतक महकमें के कर्मी दमकल के साथ मौके पर पहुंचते है तब तक आग से बड़ा नुकसान हो चुका होता है। जिले के उच्चाधिकारी व जनप्रतिनिधि भी गंभीर नहीं है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं पर काबू पाने के लिए फायरकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। 1997 में तथागत की तपोस्थली कौशाम्बी को नया जिला बनाया गया था। 26 साल गुजर गए पर आज तक मुख्यालय का फायर स्टेशन हाईटेक नहीं बनाया जा सका है। जिले की तीन तहसील क्षेत्रों से जुड़े आठ ब्लॉकों में जब भी कोई अग्निकांड की घटना होती है तो अग्निशमन विभाग असहाय नजर आता है। गर्मी शुरू होते ही अग्निकांडों का दौर शुरू हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों के ऊपर से गुजर रही एचटी लाइनों के हवा में टकराने से चिंगारी गिरते ही फसल धू-घूकर जल जल उठती है। ऐसे में सूचना के बावजूद भी अग्निशमन विभाग का दल तब पहुंच पाता है जब आग से खासा नुकसान हो चुका होता है। 18 से 20 लाख आबादी को आग से बचाने के लिए तीन तहसील क्षेत्र में मात्र चार फायर स्टेशन है। पहला मुख्यालय दूसरा सैनी तो तीसरा उदिहिन खुर्द व चैथा फायर स्टेशन पश्चिमशरीरा मे बना है। अग्निशमन विभाग के पास अर्से से कर्मियों व उपकरण का टोटा बना है। कर्मचारी व उपकरण के उपलब्धता का मानक पूरा करने का सिलसिला कागज तक सिमट कर रह गया है। जिसका खामियाजा गरीब पीड़ितों को भुगतना पड़ता है।

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