प्रयागराज। जब भी बाढ़ का खतरा बढ़ता है तो एनडीआरएफ की भूमिका बढ़ जाती है। इस बार संगमनगरी प्रयागराज बाढ़ की चपेट में है। करीब एक दर्जन इलाके जलमग्न हो गए हैं, बड़ी संख्या में लोग बाढ़ की चपेट में हैं। ऐसे में उनकी मदद के लिए एनडीआरएफ के जवान एक बार फिर देवदूत बनकर उतरे हैं। खुद की जान जोखिम में होने के बावजूद इन जवानों के हौसले बुलंद हैं। पिछले 8 दिनों से यह जवानों पानी में चल रहे हैं और बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने इन जवानों से बातचीत की तो पता चला कि उन्हें डर नहीं लगता, सिर्फ उद्देश्य होता है कि ज्यादा से ज्यादा पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाकर उनकी जान बचा सकें।
एनडीआरएफ के जवान बताते हैं कि वह 2015 से इस टीम का हिस्सा हैं। जब जब बाढ़ का खतरा बढ़ता है हम अपने साथियों के साथ पीड़ितों को बचाने के लिए निकल पड़ते हैं। बोले, एनडीआरएफ में आने के पहले हम लोगों को ट्रेनिंग देकर ट्रेंड किया जाता है कि आपदा के समय कैसे रेस्क्यू करना है और लोगों की जान बचानी है। प्रयागराज में 24 अगस्त से हम लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू कर रहे हैं और हर संभव पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। झारखंड के अमित दुबे प्रयागराज में एनडीआरएफ टीम में जवान हैं। कहते हैं दिन रात पानी में ही बीत रहा है तो पानी से कैसा डरना। अमित ट्रेंड गोताखोर भी हैं। कितनी भी खतरनाक बाढ़ हो अमित उसमें आसानी से तैर सकते हैं और दूसरों की जान बचाने में माहिर हैं। कहते हैं कि "परिवार से दूर हूं लेकिन इस बात की खुशी है कि दूसरे परिवार को सुरक्षित बचाने का काम कर रहा हूं।" टीम कमांडर इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार तिवारी की देखरेख में प्रयागराज में 35 जवानों तैनात किया गया है। बृजेश बताते हैं कि "हमारी टीम पूरी तरह से ट्रेंड हैं। यह टीमें अलग-अलग शिफ्टों में भ्रमण कर रही है जो भी पीड़ित हैं उनकी मदद की जा रही है। करीब 50 ऐसे पीड़ित परिवारों को हमारी टीम ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जो ज्यादा मुसीबत में थे।

Today Warta