लखनऊ। योगी सरकार 2.0 ने अपना दूसरा बजट पेश कर दिया है। 2023-24 का यह बजट 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपए का है। पिछले साल के बजट (6.15 लाख करोड़) से करीब 75 हजार करोड़ रुपए अधिक का है। इस बजट में सुरक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी ज्यादातर योजनाएं हैं। सरकार ने बजट में हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया है। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया।
बजट के बाद उट योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा, "यह बजट यूपी को देश की सबसे बड़ी इकोनॉमी के तौर पर स्थापित करने के लिए होगा। 1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए नींव साबित होगा। आज का बजट 6 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा का है। साल 2016-17 में यह करीब 3 लाख 40 हजार के आसपास था। हमने बजट के दायरे को बढ़ाया है।
उन्होंने आगे कहा, प्रदेश में कर चोरी को रोकना पड़ा। वित्तीय अनुशासन को बनाए रखना पड़ा। जनता पर अतिरिक्त टैक्स लगाए बिना मंहगाई को कंट्रोल किया गया। 45-46% से ज्यादा राजस्व मिल रहा है। एयर कनेक्टीविटी में 2 एयर पोर्ट थे,आज 9 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं। आने वाले 2 साल में 21 एयरपोर्ट होगे। गौवंश को देखभाल के लिए भी बजट में 750 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने घर से निकलने से पहले मंदिर में पूजा की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। कहा,"ये बजट महिलाओं, मध्यम वर्ग के लिए होगा। सभी वर्ग का ख्याल रखा गया है। बजट का फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर भी होगा। ताकि अगले 5 साल में प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके। इससे पहले, बुधवार सुबह सीएम योगी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, नए उत्तर प्रदेश का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला होगा।
वर्ष 2017: योगी सरकार का पहला बजट पेश हुआ था। यूपी सरकार का कुल बजट 3 लाख 84 हजार करोड़ रुपए का था। इस दौरान बजट में खास 36 हजार करोड़ रुपए कर्जमाफी के लिए आवंटित किए गए थे। ये बजट 2016 के बजट से 10.9 प्रतिशत अधिक था। बजट के अंदर आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह लक्ष्य 20 हजार 593 करोड़ 23 लाख रुपए तय किया गया है। वहीं, अनुमानित राजकोषीय घाटा 2017-18 में 42967,86 करोड़ का अनुमानित था।
2018-19: वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपए का बजट पेश किया था। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2017 के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा था। यह योगी सरकार का दूसरा बजट था। इस बजट में कृषि, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, गौ-रक्षा समेत कई मुद्दों पर जोर देने की कोशि?श की गई थी।
2019-20: योगी सरकार ने इस साल 4 लाख 70 हजार 684 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। यह पिछले साल 2018-19 के बजट से 12 फीसदी ज्यादा था। योगी सरकार के बजट में गो कल्याण के लिए 500 करोड़ से अधिक का बजट पेश किया था। 2020-21: वित्तीय वर्ष 2020-21 में यूपी सरकार ने 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपए का बजट पेश किया था। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के मुकाबले यह बजट 33 हजार 159 करोड़ रुपए ज्यादा का था। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किए जाने का दावा था।
2021-22 : इस सत्र का कुल बजट 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ (5,50,270.78 करोड़ रुपए) का रहा। जबकि 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपए का था।
2022-23: दूसरी बार उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर सीएम योगी ने अनुपूरक बजट पेश किया था। योगी 2.0 सरकार का पहला अनुपूरक बजट था। विधानसभा में 33 हजार 700 करोड़ रुपए का यह बजट ध्वनिमत से पारित हुआ था। इसके बाद 23 मई 2022 को 6.15 लाख करोड़ का बजट पेश किया था।

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